तो दोस्तों, मै आपको बता दू की जब मैंने पहली बार बालोद की यात्रा की योजना बनाई, तो मैं बस एक शांत और सुकून भरी जगह की तलाश में था। शहर की भागदौड़ से दूर, एक ऐसा स्थान जहाँ प्रकृति की गोद में कुछ समय बिता सकूं अपने परिवार के साथ एक यादगार पल बिता सकूं। लेकिन बालोद ने मुझे इससे कहीं ज्यादा दिया। इस छोटे से बालोद जिले में घूमने की जगह इतनी अनोखी और खूबसूरत थीं कि मैं हर पल मंत्रमुग्ध होता चला गया।
मेरी इस यात्रा के दौरान मैं न सिर्फ बालोद पर्यटन स्थल में वहाँ के पर्यटक स्थलों से जुड़ा, बल्कि वहाँ की समृद्ध संस्कृति और इतिहास से भी जुड़ने का मौका मिला जो की आज मेरे लिए एक सुखत अनुभव है। आज मैं आपके साथ अपनी इस खुबसुरत यात्रा की कहानी साझा कर रहा हूँ, जहाँ मैं आपको balod me ghumne ki jagah में सबसे बेहतरीन जगहों के बारे में बताऊंगा।
बालोद में घूमने की जगह | Balod Tourist Places
बालोद, छत्तीसगढ़ का एक खूबसूरत जिला, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहाँ की हरी-भरी घाटियाँ, झीलें, और प्राचीन मंदिर आपके मन को मोह लेंगे। अब आइए, balod me ghumne ki jagah के बारे में जानते है और आपको बालोद के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में भी बताते हैं।
बालोद में घूमने की जगह | बालोद से दूरी (किलोमीटर) |
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सियादेवी मंदिर | 20 किमी |
तांदुला बांध | 5 किमी |
गंगा मैया मंदिर | 3 किमी |
त्रयंबकेश्वर धाम ओनाकोना | 40 किमी |
चितवा डोंगरी | 20 किमी |
भोला पठार | 18 किमी |
गौरैया धाम चौरेल | 20 किमी |
गोंदली डैम | 10 किमी |
खरखरा बांध | 45 किमी |
किल्लेवाली माता मंदिर | 34 किमी |
मटियामोती बांध | 5 किमी |
देव बावली मंदिर | 42 किमी |
श्री पाटेश्वर धाम | 40 किमी |
कपिलेश्वर मंदिर समूह | 3 किमी |
जलेश्वर महादेव मंदिर | 3 किमी |
1. सियादेवी मंदिर (20 किमी)
बालोद जिले में यह मेरी सबसे पहली स्थल थी जहाँ मैंने घुमा जब मैंने सियादेवी मंदिर की यात्रा की, तो मैंने महसूस किया कि यहाँ का शांत वातावरण और हरी-भरी घाटियाँ एक अलग ही दुनिया का अनुभव कराती हैं। नारा गांव की पहाड़ियों के ऊपर स्थित यह मंदिर माँ सीता को समर्पित है और यह सियादेवी मंदिर आपको बालोद जिले से लगभग 20 किलोमीटर की दुरी पर देखने को मिलता है, साथ ही यहाँ से घाटियों का भी मनोरम दृश्य देखने लायक होता है। साथ ही, यहाँ का सियादेवी जलप्रपात इस स्थल की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है। सियादेवी मंदिर न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता भी आपको प्रभावित करेगी।
2. तांदुला बांध (5 किमी)
बालोद से सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तांदुला बांध एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। यह जलाशय अपनी शांत और सुंदर झील के लिए प्रसिद्ध है। 1912 में निर्मित यह बांध एक ऐतिहासिक स्थल भी है जो बालोद पर्यटन स्थल की सूची में अपना स्थान रखती है जब मैं वहाँ पहुँचा, तो मुझे वहाँ की हरी-भरी वनस्पतियों और शांत वातावरण ने मोहित कर लिया। यहाँ आपको दो तरह की जलाशय देखने को मिलती है जो वाकई खुबसूरत है, तांदुला और सुखा जलाशय, वाकई ये बहुत ही आकर्षक हैं। मैंने अपने दोस्तों के साथ यहाँ नौका विहार का आनंद लिया और दिन भर यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता में खोया रहा। यदि आप भी balod jile me ghumne ki jagah की तलाश में है तो इस जलाशय का दौरा जरुर करें.
3. गंगा मैया मंदिर (3 किमी)
बालोद जिले से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गंगा मैया मंदिर स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी गंगा मैया को समर्पित है, और इसके दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहाँ आते हैं। मंदिर की अद्भुत वास्तुकला और आध्यात्मिक वातावरण ने मुझे बहुत प्रभावित किया। इस मंदिर में माता गंगा की असीम कृपा के कारण यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आप भी यहाँ अपने दोस्तों या फिर परिवार वालों के साथ देवी माँ के दर्शन के लिए आ सकते है.
4. त्रयंबकेश्वर धाम ओनाकोना (40 किमी)
बालोद जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित त्रयंबकेश्वर धाम एक अनोखा स्थल है। यह स्थान धार्मिक और पर्यटन, दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह धाम गंगरेल बांध के पास स्थित है, जहाँ आपको एक समुद्री दृश्य का अनुभव मिलता है। जब मैंने इस धाम का दौरा किया, तो मुझे वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता ने मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही मैंने यहाँ आपने दोस्तों के साथ बहुत घुमा और मंदिर की परिक्रमा भी किये और वहाँ के झरनों के बीच बैठकर मैंने प्रकृति की गोद में सुकून के कुछ पल बिताए।
5. चितवा डोंगरी (20 किमी)
चितवा डोंगरी, बालोद जिले से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक धार्मिक और प्राकृतिक स्थल है। जहाँ आपको बहुत से प्राकृतिक खुबसूरत नजारे और घने जंगल देखने को मिलते है. यह पहाड़ी स्थल भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ के प्राकृतिक गुफाएँ देखने लायक हैं। यहाँ की हरियाली और शांत वातावरण मुझे बेहद पसंद आया। चोटी पर चढ़ाई करने के बाद यहाँ से दिखने वाला दृश्य आपकी सारी थकान मिटा देता है। इसलिए यह स्थल भी बालोद में घुमने की जगह में अपनी सूची रखता है. मुझे तो यहाँ आकर शांति और सुकून की अनुभूति हुई।
6. भोला पठार (18 किमी)
बालोद जिले में स्थित भोला पठार एक अद्भुत पर्यटन स्थल है, जो बालोद जिले से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्थल को कैलाश पर्वत भी कहा जाता है और यह भगवान शिव की तपस्या स्थल के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ की ऊँची पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच मैंने प्रकृति की अद्भुत सुंदरता का अनुभव किया। पहाड़ के उपर से नीचे का नज़ारे बहुत ही सुहावना होता है. यहाँ का शांत वातावरण प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
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7. गौरैया धाम चौरेल (20 किमी)
बालोद से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गौरैया धाम चौरेल, माँ गौरी को समर्पित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ की धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सुंदरता इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनाती है। इस धाम में हर साल माघी पूर्णिमा के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु शामिल होते हैं। मैंने यहाँ की तांदुला नदी में शाही स्नान का आनंद लिया और माँ गौरी के दर्शन किए।
8. गोंदली डैम (10 किमी)
बालोद जिले में स्थित गोंदली डैम, एक बहुत ही खूबसूरत जलाशय है. यह जलाशय बालोद जिले से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। आप यहाँ इस स्थल की खूबसूरती देखने के लिए आ सकते है. मैंने यहाँ की शांत झील में नौका विहार का आनंद लिया और चारों ओर फैली हरियाली ने मेरे मन को शांति दी। यह डैम बालोद पर्यटन स्थल के रूप में जानी जाती है. साथ ही यह जलाशय सिंचाई और मछली पालन के लिए भी महत्वपूर्ण है।
9. खरखरा बांध (45 किमी)
बालोद से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खरखरा बांध, एक प्रमुख जलाशय है। यहाँ आने के बाद मैंने शांत झील में बोटिंग की और चारों ओर फैले जंगलों और पहाड़ियों का आनंद लिया। जलाशय के पास के दृश्य भी बहुत ही मनोरम है जिसे देख लोग मंत्रमुग्ध हो जाते है. जब जलाशय का पानी अपने स्तर से अधिक हो जाता है, तो यहाँ का जलप्रपात बेहद खूबसूरत दृश्य प्रस्तुत करता है। यह स्थान पिकनिक मनाने के लिए भी उपयुक्त है।
10. किल्लेवाली माता मंदिर (34 किमी)
यदि आप बालोद जिले में एक धार्मिक स्थल की तलाश में है तो यह किल्लेवाली माता मंदिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है. यह मंदिर आपको बालोद से 34 किलोमीटर की दूरी पर देखने को मिल जाता है और यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी है। मैंने यहाँ माँ किल्लेवाली के दर्शन किए और मंदिर के चारों ओर फैली प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया। यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जहाँ से निचे का दृश्य अद्भुत लगता है।
11. मटियामोती बांध (5 किमी)
मटियामोती बांध बालोद जिले से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ की शांत झील और चारों ओर की पहाड़ियाँ इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाती हैं। मैंने यहाँ के शांत वातावरण में समय बिताया और नौका विहार का आनंद लिया। यह स्थल पिकनिक मनाने के लिए भी एक बेहतरीन विकल्प है।
12. देव बावली मंदिर (42 किमी)
बालोद से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देव बावली मंदिर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। मैंने यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लिया और मंदिर के पास की शांत झील में पिकनिक मनाई। यह स्थल धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों के लिए भी आदर्श है।
13. श्री पाटेश्वर धाम (40 किमी)
श्री पाटेश्वर धाम बालोद जिले से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर की भव्य वास्तुकला और 108 फीट ऊँचा मंदिर अद्भुत है। यहाँ की गंगा कुंड में स्नान कर मैंने भगवान शिव के दर्शन किए और वहाँ की आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया। इस मंदिर में मैंने अपने दोस्तों के साथ बहुत सी यादें बनाई है यहाँ आपको मुख्य मंदिर के अलावा भी बहुत से छोटे बड़े मंदिर देखने को मिल जाते है जिसके दर्शन आप यहाँ आने के बाद कर सकते है.
14. कपिलेश्वर मंदिर समूह (3 किमी)
कपिलेश्वर महादेव मंदिर बालोद जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक मंदिर है जहाँ लोग प्रतिदिन आते है. यह मंदिर बालोद से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कपिलेश्वर मंदिर समूह एक प्राचीन धार्मिक स्थल है जो balod me ghumne ki jagah में अपनी विशेष सूची रखता है। इस मंदिर की अद्भुत वास्तुकला और शिल्पकला इसे एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनाते हैं। मैंने यहाँ भगवान शिव के दर्शन किए और वहाँ की प्राचीन धरोहर का आनंद लिया।
15. जलेश्वर महादेव मंदिर (3 किमी)
यह हमारे लिस्ट का सबसे लास्ट और प्रमुख स्थल है जो balod tourist places में अपनी प्रमुख भूमिका रखता है. यह मंदिर आपको बालोद से 3 किलोमीटर की दूरी पर देखने को मिल जाता है जलेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ के शांत वातावरण में मैंने ध्यान लगाया और वहाँ की आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस किया। आप भी बालोद के प्रसिद्ध मंदिर की सैर कर बालोद के धार्मिकता का अनुभव कर सकते है.
FAQs कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
बालोद के तांदुला बांध की खासियत क्या है?
तांदुला बांध अपनी शांत झील और हरी-भरी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर नौका विहार और पिकनिक के लिए लोग आते हैं। यह बालोद का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
क्या बालोद में धार्मिक स्थलों की अधिकता है?
हाँ, बालोद में कई प्रमुख धार्मिक स्थल हैं, जैसे सियादेवी मंदिर, गंगा मैया मंदिर, त्रयंबकेश्वर धाम, और किल्लेवाली माता मंदिर। यह स्थल न सिर्फ धार्मिक आस्था के लिए, बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध हैं।
बालोद में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है?
बालोद घूमने के लिए सर्दियों का मौसम सबसे उपयुक्त होता है, यानी अक्टूबर से मार्च तक। इस समय मौसम सुहावना रहता है और आप बाहरी गतिविधियों का आनंद अच्छे से ले सकते हैं।
बालोद में कौन-कौन से पिकनिक स्पॉट हैं?
तांदुला बांध, गोंदली डैम, मटियामोती बांध, और खरखरा बांध जैसे स्थल पिकनिक के लिए उपयुक्त हैं। इन स्थानों पर आप प्राकृतिक सुंदरता के बीच समय बिता सकते हैं और नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।
बालोद का समृद्ध इतिहास और संस्कृति
बालोद न सिर्फ अपने पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका समृद्ध इतिहास और संस्कृति भी इसकी खासियत है। यहाँ के मंदिर और धार्मिक स्थल इसकी प्राचीन सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं। बालोद का हर कोना अपने में एक कहानी समेटे हुए है, जिसे आपको एक बार अवश्य देखना चाहिए।
जब मैंने बालोद की यात्रा की, तो मुझे यहाँ की स्थानीय संस्कृति और लोगों की गर्मजोशी ने प्रभावित किया। यहाँ की लोककथाएँ, त्यौहार, और सांस्कृतिक कार्यक्रम इस क्षेत्र की समृद्ध धरोहर का हिस्सा हैं। बालोद का हर पर्यटन स्थल अपने में एक खास आकर्षण लिए हुए है, और यहाँ आकर आपको छत्तीसगढ़ की असली संस्कृति का अनुभव होगा।
निष्कर्ष
अगर आप भी शहर की भागदौड़ से दूर, एक शांत और सुकून भरी यात्रा की तलाश में हैं, तो बालोद आपकी उम्मीदों से कहीं अधिक दे सकता है। बालोद में घूमने की जगहों का अपना एक अनोखा आकर्षण है, जो आपको प्रकृति, इतिहास, और धार्मिक स्थलों से जोड़ता है। मैंने तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ balod me ghumne ki jagah का लुफ्त उठा लिया है अब सिर्फ आपकी बारी है आप भी यहाँ जाने का योजना जरुर बनाइए.
तो अब देर किस बात की, अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ बालोद पर्यटन स्थल की सैर करने की योजना बनाएं और बालोद में इन अद्भुत जगहों का आनंद लें!
इस लेख में आपने जाना “बालोद में घूमने की जगह” के बारे में। यदि आप कभी छत्तीसगढ़ के इस खूबसूरत जिले की यात्रा पर जाते हैं, तो यह स्थल आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे। यदि आपको ऐसे ही अन्य जिले के पर्यटन स्थल के बारे में जानना है तो आप हमे कमेन्ट में जरुर बताइए.