क्या आप भी राजिम जाने का प्लान बना रहे है तो रुक जाइए इस पोस्ट मे आज मै आपको राजिम में घुमने की जगह के बारे में बताऊंगा साथ ही मै अपना अनुभव भी शेयर करूँगा जो वह जाने के बाद मुझे मिला. राजिम, जिसे “छत्तीसगढ़ का प्रयाग” भी कहा जाता है, यह स्थल न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध इतिहास के लिए भी प्रसिद्ध है। अगर आप किसी ऐसे स्थान की तलाश में हैं, जहां आपको शांति, संस्कृति और इतिहास का संगम देखने को मिले, तो राजिम छत्तीसगढ़ आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
राजिम छत्तीसगढ़ की यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक अनुभव है जो आपको छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और इतिहास से भी परिचित कराती है। इसलिए आपको यहाँ के मंदिरों की वास्तुकला, नदियों के संगम और प्राकृतिक सौंदर्य आपको और आपके पुरे परिवार को एक आत्मिक शांति प्रदान करते हैं। मुझे याद है वो दिन जब मैंने rajim me ghumne ki jagah के बारे में सर्च करता था और जाने का प्लान बनाता था. लेकिन वहां जाकर मुझे सचमे इस अद्भुत स्थल की खूबसूरती का पला चला. जिसे आप भी महसूस कर सकते है.
आपका बिना समय लेते हुए चलिए राजिम पर्यटन स्थल के बारे में बताता हु जिसे मैंने अनुभव किया.
राजिम में घुमने की जगह | Rajim Tourist Places
राजिम छत्तीसगढ़ की यात्रा आपको न केवल धार्मिक स्थलों की ओर खींचेगी है, बल्कि आपको और आपके पुरे परिवार को यहां के प्राकृतिक दृश्य और सांस्कृतिक धरोहर भी आपको मंत्रमुग्ध कर देंते है। यह शहर तीन नदियों – महानदी, पैरी और सोंढुर – के संगम पर स्थित है, जिसके कारण इस स्थल को त्रिवेणी संगम कहा जाता है। आइए, जानते हैं प्रमुख राजिम में घूमने की जगह के बारे में।
स्थल का नाम | दूरी (किलोमीटर में) | मुख्य आकर्षण |
राजीव लोचन मंदिर | 40 किमी | महानदी, पैरी और सोंढुर नदियों का संगम, मंदिर |
त्रिवेणी संगम | 40 किमी | भगवान विष्णु को समर्पित, भव्य वास्तुकला |
श्री राम प्रतिमा | 10 किमी | 75 फीट ऊंची प्रतिमा, अद्भुत कलाकारी |
कुलेश्वर महादेव मंदिर | 40 किमी | 11वीं और 12वीं शताब्दी के मंदिर, प्राकृतिक सौंदर्य |
भूतेश्वर महादेव मंदिर | 40 किमी | भगवान शिव को समर्पित, प्राचीन मंदिर |
सीताबाड़ी पुरातात्विक स्थल | 40 किमी | रथ यात्रा, भगवान जगन्नाथ की मूर्तियां |
श्री जगन्नाथ मंदिर | 40 किमी | शिवलिंग का आकार बढ़ने की मान्यता |
1. राजीव लोचन मंदिर | Rajiv Lochan Temple (40 किलोमीटर)
राजीव लोचन मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर यहाँ के स्थानीय निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है। बताया जाता है की इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था और यह अपनी वास्तुकला और मूर्तियों के लिए जानी जाती है। यह मंदिर त्रिवेणी संगम के पास स्थित है और इसका धार्मिक महत्व इसे छत्तीसगढ़ के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल करता है। जब मैंने अपने दोस्तों के साथ इस मंदिर की यात्रा की, तो इस स्थल की भव्यता ने मुझे हैरान कर दिया।
यहां की शांत और पवित्र वातावरण ने मेरे मन को एक अजीब सा सुकून दिया जो आज भी मुझे और मेरे दोस्तों को याद है। अगर आप कभी राजिम आएं, तो इस मंदिर को अपनी यात्रा में जरुर शामिल करें। यहां की नक्काशी और कला आपको प्राचीन भारतीय संस्कृति की एक झलक देगी।
2. त्रिवेणी संगम | Triveni Sangam (40 किलोमीटर)
राजिम का त्रिवेणी संगम एक ऐसा स्थान है जहां तीन प्रमुख नदियां महानदी, पैरी और सोंढुर मिलती हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक महत्त्व रखते है, बल्कि इसका प्राकृतिक सौंदर्य भी अद्वितीय है। जब आप यहां खड़े होकर तीन नदियों का संगम देखते हैं, तो आपको शांति का एहसास होता है जो आपको और आपके पुरे परिवार को एक शानदार यादें देता है। हर साल माघ पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां मेला लगता है, जहां लाखों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं।
मैंने जब पहली बार त्रिवेणी संगम देखा, तो मैं उसकी विशालता और शांति से प्रभावित हुआ। संगम के किनारे बैठकर, आप सिर्फ नदियों के मिलन को नहीं देखते, बल्कि प्रकृति और आध्यात्म का भी संगम महसूस करते हैं।
3. श्री राम प्रतिमा | Shree Ram Pritima (10 किलोमीटर)
एक और प्रमुख मंदिर जो आपको राजिम में देखने को मिलता है, श्री राम प्रतिमा, 2023 में भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा अनावृत की गई यह मंदिर भी राजिम में घुमने की जगह में अपनी सूची रखती है. और साथ ही यह राजिम का एक नया पर्यटन स्थल भी है। यह प्रतिमा लगभग 75 फीट ऊंची है और अपनी भव्यता के कारण पर्यटकों का मुख्य आकर्षण बन गई है।
जब मैंने इस प्रतिमा को पहली बार देखा, तो उसकी ऊंचाई और कलाकारी ने मुझे बहुत प्रभावित किया। और आप यहाँ बड़ी आसानी से पहुच सकते है क्योकि यह मंदिर राजिम से मात्र 10 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है साथ ही यहां प्रतिदिन सैकड़ों भक्त दर्शन करने आते हैं।
4. कुलेश्वर महादेव मंदिर | Kuleshwar Mahadev Temple (40 किलोमीटर)
राजिम में स्थित कुलेश्वर महादेव मंदिर त्रिवेणी संगम पर स्थित है जहाँ आप पहुच कर इस अद्वितीय धार्मिक स्थल के दर्शन कर सकते है। यह एक प्राचीन मंदिर है जिसे स्थानीय लोगों के अनुसार निर्माण 9वीं शताब्दी का बताया जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित है। जब मैं इस मंदिर में प्रवेश किया, तो वहां की शांति और भगवान शिव की उपस्थिति ने मुझे आंतरिक रूप से प्रेरित किया।
कुलेश्वर महादेव मंदिर राजिम में स्थित एक पवित्र धार्मिक स्थल है जो अपनी भव्यता और नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। हर साल महाशिवरात्रि और श्रावण मास में यहां श्रद्धालुओं का विशाल जमावड़ा होता है। यदि आप शिव भक्त हैं, तो यह मंदिर आपके लिए एक Must-Visit स्थान है।
5. भूतेश्वर महादेव मंदिर | Bhuteshwar Mahadev Temple (40 किलोमीटर)
राजिम से लगभग 40 किलोमीटर की दुरी पर स्थित यह भूतेश्वर महादेव मंदिर एक और प्राचीन मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी का बताया जाता है और यहां का शांत वातावरण इसे एक प्रमुख धार्मिक स्थल बनाता है। जो आपको और आपके पुरे परिवार को धार्मिक महत्त्व प्रदान करते है यह मंदिर अपने अद्भुत शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है। जब मैंने वहां जाकर यह बात सुनी, तो मुझे भी यह मंदिर बहुत खास लगा।
6. सीताबाड़ी पुरातात्विक स्थल | Sitabari Archaeological Site (40 किलोमीटर)
राजिम से लगभग 40 किलोमीटर की दुरी पर स्थित यह स्थल जिसे सीताबाड़ी कहते है, एक प्राचीन पुरातात्विक स्थल है, जो 11वीं और 12वीं शताब्दी के मंदिरों का घर है। यह स्थान अपने सुंदर नक्काशी और मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है जिसके कारन लोग यहाँ की पुरातात्विक मूर्तियों को देखने के लिए आते है। जब मैं सीताबाड़ी पहुंचा, तो वहां की प्राचीन संरचनाओं और हरी-भरी वनस्पतियों ने मुझे बेहद प्रभावित किया। महानदी के किनारे स्थित होने के कारण यह स्थान एक प्राकृतिक स्वर्ग जैसा लगता है।
यहां जब आप पहुचेंगे तो इन मंदिरों की वास्तुकला आपको प्राचीन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव कराती है। यदि आप इतिहास और पुरातत्व में रुचि रखते हैं, तो यह स्थान आपके लिए परफेक्ट है।
7. श्री जगन्नाथ मंदिर | Jagannath Temple (40 किलोमीटर)
राजिम में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर, जो राजिम से महज 40 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है. राजिम का एक और प्रमुख धार्मिक स्थल है जिसे अपनी यात्रा में शामिल करना मत भूलियेगा। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर की वास्तुकला बहुत ही आकर्षक है और हर साल यहां रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। मैंने जब यहां दर्शन किए, तो वहां की भक्तिभावना और रथ यात्रा की तैयारी ने मुझे बहुत प्रभावित किया।
8. राजिम कुंभ का महत्व | Rajim Kumbh Mela (40 किलोमीटर)
राजिम छत्तीसगढ़ के धार्मिक महत्त्व को यहाँ के स्थानीय लोग बड़े अच्छे से जानते है और बहुत मानते भी है यहाँ का कुंभ मेला, जिसे “राजिम कुंभ” मेला भी कहा जाता है। आपको बता दू की राजिम में मेला हर साल माघ पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक आयोजित किया जाता है। साथ ही यह कुंभ मेला राजिम के त्रिवेणी संगम पर होता है जिससे की यहाँ आने वाले लोग मेले के साथ धार्मिक और प्राकृतिक स्थल की सैर कर पाते है,
जहाँ लाखों श्रद्धालु भक्त हर साल राजिम में अपनी आस्था और श्रद्धा के साथ एकत्रित होते हैं। राजिम कुंभ की खास बात यह है कि यह छत्तीसगढ़ का अपना एक अलग धार्मिक आयोजन है, जिसे पूरे देश में महत्व दिया जाता है। मैंने खुद इस मेले में भाग लिया और वहाँ की भीड़ और भक्ति भावना को महसूस किया। यह मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी यह एक अद्वितीय अनुभव है।
अब चलिए जानते है की आप इन मंदिरों तक कैसे पहुच सकते है जिससे की आप यहाँ आकर राजिम पर्यटन स्थल की सैर कर सकें.
कैसे पहुचे? | How to Reach
राजिम में घुमने की जगहों तक पहुंचने के लिए कई साधन उपलब्ध हैं।
साधन | विवरण |
सड़क मार्ग | आप छत्तीसगढ़ के किसी भी प्रमुख शहर से बस, कार या टैक्सी द्वारा राजिम तक आसानी से पहुंच सकते हैं। |
रेल मार्ग | राजिम का कोई अपना रेलवे स्टेशन नहीं है। आपको गरियाबंद रेलवे स्टेशन तक पहुंचना होगा, जो राजिम से 40 किलोमीटर दूर है। |
हवाई मार्ग | निकटतम हवाई अड्डा रायपुर है, जो राजिम से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां से आप टैक्सी या बस द्वारा राजिम पहुंच सकते हैं। |
कुछ महत्वपूर्णप्रश्नों की तरफ भी ध्यान देते है जिसे ज्यादातर लोग पूछते है.
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
राजिम क्यों प्रसिद्ध है?
राजिम छत्तीसगढ़ में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ त्रिवेणी संगम, राजीव लोचन मंदिर, और श्री राम प्रतिमा जैसे प्रमुख स्थल हैं, जो तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
राजिम का धार्मिक महत्व क्या है?
राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है क्योंकि यहां तीन नदियों – महानदी, पैरी और सोंढुर – का संगम होता है।
राजिम में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक हैं?
राजिम में त्रिवेणी संगम, राजीव लोचन मंदिर, श्री राम प्रतिमा, कुलेश्वर महादेव मंदिर, सीताबाड़ी पुरातात्विक स्थल, और श्री जगन्नाथ मंदिर जैसी प्रमुख जगहें घूमने के लिए बेहतरीन हैं।
राजिम कैसे पहुँच सकते हैं?
राजिम तक पहुँचने के लिए आप सड़क मार्ग से बस, कार या टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन गरियाबंद है, जो 40 किलोमीटर की दूरी पर है। हवाई मार्ग से, निकटतम हवाई अड्डा रायपुर है, जो लगभग 45 किलोमीटर दूर स्थित है।
राजिम में त्रिवेणी संगम का क्या महत्व है?
त्रिवेणी संगम वह स्थान है जहाँ महानदी, पैरी और सोंढुर नदियों का संगम होता है। यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है और यहाँ हर साल माघ पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा पर विशाल मेले का आयोजन होता है।
राजिम घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
राजिम घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है, जब मौसम सुहावना और ठंडा होता है। इस समय यहाँ के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का आनंद लेने का सर्वोत्तम अवसर होता है।
राजिम के अलावा आस-पास के स्थल | Nearby Places to Visit
अगर राजिम घुमने के बाद आपके पास समय हो, तो राजिम के आसपास भी कुछ और बेहतरीन जगहें हैं जिन्हें आप देख सकते हैं।
- जतमाई वाटरफॉल: यह राजिम से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इसे एक बेहतरीन प्राकृतिक स्थल माना जाता है।
- चिंगराज पर्वत: यह पर्वत प्राचीन समय से धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। राजिम से इसकी दूरी लगभग 50 किलोमीटर है।
- सिरपुर में घुमने की जगह: यह एक ऐतिहासिक नगर है जो बौद्ध और हिन्दू मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। सिरपुर की दूरी राजिम से लगभग 70 किलोमीटर है और यह एक शानदार पुरातात्विक स्थल है।
राजिम की मेरी व्यक्तिगत यात्रा | My Personal Experience of Rajim
जब मैंने पहली बार राजिम का नाम सुना था, तब मुझे लगा था कि यह सिर्फ एक छोटा सा धार्मिक स्थल होगा। लेकिन जब मैं यहाँ आया, तो मैंने महसूस किया कि यह सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर भी है। त्रिवेणी संगम की शांति, राजीव लोचन मंदिर की भव्यता, और श्री राम प्रतिमा की विशालता ये सब एक ऐसा अनुभव था जिसे शब्दों में बताना मुश्किल है।
राजिम का हर कोना आपको प्राचीन भारत की झलक दिखाता है। यहाँ के मंदिर, यहाँ के मेले और यहाँ की नदियों की धाराएं आपको समय के साथ पीछे ले जाती हैं। मैंने यहाँ जितना समय बिताया, वह मेरे लिए आत्मिक और शारीरिक दोनों तरह से बहुत सुकूनभरा था। अगर आप भी छत्तीसगढ़ की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मैं आपको सलाह दूंगा कि आप राजिम को अपनी सूची में जरूर शामिल करें।
निष्कर्ष | Conclusion
राजिम पर्यटन स्थल की जगहें धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। त्रिवेणी संगम की शांति, राजीव लोचन मंदिर की भव्यता, और श्री राम प्रतिमा की विशालता आपको अपने जीवन की एक अविस्मरणीय यात्रा का अनुभव कराएंगी। इस यात्रा में न केवल आप अपने भीतर की शांति को महसूस करेंगे, बल्कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और इतिहास से भी परिचित होंगे। Rajim me ghumne ki jagah के रूप में यह स्थान आपके लिए एक परिपूर्ण यात्रा का गंतव्य हो सकता है।
अगर आप कभी छत्तीसगढ़ की यात्रा करने का विचार करें, तो राजिम को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें। यह एक ऐसा स्थान है, जो आपको हर बार कुछ नया सिखाएगा और आपकी आत्मा को शांति प्रदान करेगा।