अगर आप कभी रायपुर में घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो कंकाली मंदिर आपकी लिस्ट में जरूर होना चाहिए। ये जगह एकदम अलग है – यहाँ आपको धार्मिक शांति तो मिलेगी ही, साथ ही साथ इतिहास और पुरानी कहानियों का खज़ाना भी मिलेगा।
कंकाली माता मंदिर रायपुर शहर के बीचों-बीच बसा हुआ है, और यहाँ हर रोज़ सैकड़ों भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के आस-पास का माहौल बेहद शांत और सुकून भरा है। तो चलिए, आज हम आपको इस मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं, ताकि जब भी आप यहाँ जाएँ, तो ये जगह आपके लिए और भी खास हो जाए।
कंकाली मंदिर रायपुर की जानकारी
बिंदु | जानकारी |
मंदिर का नाम | कंकाली माता मंदिर, रायपुर |
स्थान | रायपुर शहर, छत्तीसगढ़ |
मुख्य आकर्षण | कंकाली माता की प्राचीन मूर्ति और वास्तुकला |
स्थापना काल | मंदिर करीब 650 साल पुराना है |
मंदिर का समय | सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक |
महत्वपूर्ण समय | नवरात्रि के दौरान विशेष पूजन और सजावट |
निकटतम रेलवे स्टेशन | रायपुर रेलवे स्टेशन (लगभग 6 किमी दूर) |
निकटतम हवाई अड्डा | स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट (लगभग 30 मिनट) |
पास का प्रमुख स्थल | कंकाली तालाब |
धार्मिक महत्त्व | माता की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी होती हैं |
कंकाली मंदिर रायपुर | Kankali Mandir Raipur
अगर आप रायपुर में घूमने की सोच रहे हैं, तो एक ऐसी जगह है जिसे मिस करना वाकई गलती होगी – कंकाली मंदिर रायपुर। यह मंदिर सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही खास नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़े कई रहस्य और मान्यताएं भी हैं, जो इसे और भी दिलचस्प बनाते हैं। मंदिर करीब 650 साल पुराना है और सबसे खास बात ये है कि ये पूरा मंदिर एक तालाब के बीचों-बीच डूबा हुआ है।
अब सोचिए, रायपुर जैसी जगह में जहां गर्मियों में तालाब सूख जाते हैं, वहीं कंकाली तालाब हमेशा लबालब भरा रहता है! अजीब है ना? ये चीज़ इसे और खास बनाती है। तो चलिए, आज हम आपको इस मंदिर की खासियतें और इससे जुड़ी दिलचस्प कहानियां बताते हैं।
कंकाली मंदिर की अनोखी कहानी (Kankali Mandir Raipur)
कंकाली मंदिर रायपुर की शुरुआत की कहानी बहुत पुरानी है। कहते हैं कि करीब 650 साल पहले, नागा साधुओं ने माँ कंकाली के स्वप्नादेश पर इस मंदिर का निर्माण कराया था। साथ ही, मंदिर के सामने एक भव्य सरोवर भी बनाया, जिसके बीच में शिवलिंग स्थापित किया गया। लेकिन चमत्कार तब हुआ, जब धरती से पानी की धारा फूट पड़ी और सरोवर पूरी तरह भर गया। इससे मंदिर का बड़ा हिस्सा पानी में डूब गया। और तब से आज तक यह मंदिर तालाब के अंदर ही डूबा हुआ है।
आज भी कंकाली माता मंदिर रायपुर में पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन शिवलिंग के दर्शन तालाब के पानी में डूबे रहने के कारण बहुत ही कम लोग कर पाते हैं। खास बात यह है कि आजादी के बाद केवल चार बार तालाब को साफ किया गया है, जब भक्तों को शिवलिंग के दर्शन हो पाए।
क्यों है यह जगह खास?
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस मंदिर में ऐसा क्या खास है जो इसे इतना अनोखा बनाता है। सबसे पहले तो, ये मंदिर केवल पानी के अंदर डूबा हुआ मंदिर नहीं है, बल्कि इस तालाब के पानी में औषधीय गुण भी हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तालाब में स्नान करने से चर्म रोग जैसे खुजली में राहत मिलती है।
सिर्फ यही नहीं, यहां पर हर साल चैत्र नवरात्रि के दौरान भक्त जंवारा विसर्जन के लिए आते हैं। यह मान्यता है कि जंवारा विसर्जन से तालाब का पानी और भी पवित्र हो जाता है और औषधीय गुणों से भर जाता है।
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
कंकाली मंदिर रायपुर कैसे पहुंचा जा सकता है?
कंकाली मंदिर रायपुर शहर के बीचों-बीच स्थित है। आप यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। रायपुर रेलवे स्टेशन से यह मंदिर लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है, और नजदीकी बस स्टैंड से भी आप यहां पहुंच सकते हैं।
कंकाली तालाब का इतिहास क्या है?
कहा जाता है कि नागा साधुओं ने इस तालाब का निर्माण 650 साल पहले करवाया था। शुरुआत में यह साधारण तालाब था, लेकिन अचानक पानी की धारा फूट पड़ी और यह तालाब लबालब भर गया। तब से मंदिर पानी में डूबा हुआ है।
क्या तालाब का पानी सच में चर्म रोग ठीक करता है?
मान्यता है कि तालाब के पानी में औषधीय गुण हैं और यहां स्नान करने से चर्म रोग जैसे खुजली में राहत मिलती है। यह एक धार्मिक आस्था है, लेकिन कई लोग इस पर विश्वास करते हैं और हर साल यहां आकर स्नान करते हैं।
कंकाली मंदिर में कब दर्शन किए जा सकते हैं?
मंदिर का मुख्य हिस्सा तालाब में डूबा हुआ है, इसलिए शिवलिंग के दर्शन नियमित रूप से नहीं हो पाते। लेकिन हर साल नवरात्रि के दौरान खास पूजा होती है। अब तक सिर्फ चार बार तालाब की सफाई के दौरान शिवलिंग के दर्शन हुए हैं।
क्या कंकाली मंदिर रायपुर का तालाब कभी सूखता है?
नहीं, यह तालाब सालभर भरा रहता है, चाहे मौसम कोई भी हो। रायपुर के बाकी तालाब गर्मियों में सूख जाते हैं, लेकिन कंकाली तालाब हमेशा पानी से भरा रहता है, जो इसे और भी खास बनाता है।
कंकाली मंदिर से जुड़ी मान्यताएं और चमत्कार
कंकाली मंदिर रायपुर से जुड़ी कई चमत्कारी कहानियां भी हैं। जैसे कि मंदिर के तालाब में पानी की भरमार कभी खत्म नहीं होती। यहां तक कि भीषण गर्मी में भी जब रायपुर के बाकी तालाब सूखने लगते हैं, तब भी कंकाली तालाब लबालब भरा रहता है। लोग मानते हैं कि यहां मां कंकाली की कृपा से चमत्कार होते हैं।
इतना ही नहीं, इस तालाब के भीतर एक सुरंग भी है, जिसके माध्यम से पानी चार अन्य तालाबों में भी जाता है। ये सुरंग महाराजबंध तालाब, नरैया तालाब और बूढ़ा तालाब तक पानी पहुंचाती है।
निष्कर्ष
अब भले ही आप इस पर विश्वास करें या न करें, लेकिन kankali mandir raipur की आध्यात्मिक शक्ति से इंकार नहीं किया जा सकता। यहां के लोग सदियों से इस जगह को बहुत मानते आए हैं। खासकर चर्म रोगों से परेशान लोग यहां आकर स्नान करते हैं और राहत पाते हैं।
तो, अगर आप रायपुर में हैं या कभी इस ओर घूमने का प्लान बनाते हैं, तो कंकाली मंदिर रायपुर ज़रूर जाएं। यहां का अद्भुत वातावरण, तालाब में डूबा हुआ मंदिर और इससे जुड़ी कहानियां आपको जरूर मंत्रमुग्ध कर देंगी। साथ ही, एक बार यहां स्नान करके देखना तो बनता है, क्या पता आपके भी कुछ पुराने रोग ठीक हो जाएं!
अंत में तो ये था हमारा आज का सफर kankali mandir raipur के रहस्यमय और चमत्कारी सफर के बारे में। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो जरूर शेयर करें और अगली बार रायपुर आएं तो इस अद्भुत मंदिर के दर्शन करना न भूलें। शायद आपको भी शिवलिंग के दर्शन हो जाएं, जो कि बहुत ही दुर्लभ मौका होता है।