दोस्तों, छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता का अनूठा संगम देखने को मिलता है। जब मैंने अपने दोस्तों के साथ पहली बार छत्तीसगढ़ की यात्रा की, तो मेरी यात्रा की शुरुआत दंतेश्वरी मंदिर से हुई। मैं आपको बता नही सकता की इस स्थान की पवित्रता और अद्वितीयता से इतना प्रभावित करने वाला है की मेरे अंदर छत्तीसगढ़ की और भी जगहों को देखने की प्रबल इच्छा जाग्रत हुई।
इस लेख में मैं आपको 10 प्रमुख छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तार से बताऊंगा, जहां आप न सिर्फ इस राज्य की संस्कृति बल्कि इसके प्राकृतिक सौंदर्य का भी अनुभव कर सकते हैं जो आपके पुरे परिवार और दोस्तों को एक यादगार पल देगा। अगर आप भी मेरे जैसे एक उत्साही यात्री हैं, तो यह लेख आपके लिए है। तो चलिए, शुरू करते हैं छत्तीसगढ़ की इस अनोखी यात्रा को!
छत्तीसगढ़ में घूमने की जगह | Chhattisgarh me Ghumne ki Jagah
वैसे तो छत्तीसगढ़ में बहुत से ऐसे स्थल है जो सिर्फ छत्तीसगढ़ राज्य में ही देखने को मिलते है लेकिन मै आज आपको यहाँ के टॉप 10 पर्यटन स्थल के बारे में बताऊंगा जिसे मैंने अपने दोस्तों के साथ घूम रखा है. जहाँ आप भी जा सकते है. चलिए जानते है आखीर कौन सी है वो जगह जहाँ आप जायेंगे.
स्थान | प्रमुख आकर्षण | दूरी (किलोमीटर में) |
दंतेश्वरी मंदिर | पवित्र मंदिर, श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र | 84 किमी (जगदलपुर से) |
बम्लेश्वरी मंदिर | पहाड़ी पर स्थित मंदिर, दिव्य ऊर्जा का अनुभव | 40 किमी (राजनांदगांव से) |
श्री राजीव लोचन मंदिर | प्राचीन मंदिर, अनूठी वास्तुकला | 45 किमी (रायपुर से) |
भोरमदेव मंदिर | खजुराहो जैसा स्थापत्य, ऐतिहासिक महत्व | 20 किमी (कवर्धा से) |
राजिम | त्रिवेणी संगम, कुंभ मेले की पवित्रता | 50 किमी (रायपुर से) |
चित्रकूट जलप्रपात | भारत का नियाग्रा, प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक | 38 किमी (जगदलपुर से) |
चिरमिरी हिल स्टेशन | ठंडी हवा, पर्वत श्रृंखलाओं का नजारा | 35 किमी (मनेंद्रगढ़ से) |
कैलाश और कुटुमसर गुफाएं | प्राचीन गुफाएं, अनूठे भूवैज्ञानिक संरचनाएं | 40 किमी (जगदलपुर से) |
बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य | वन्यजीवों का घर, प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग | 110 किमी (रायपुर से) |
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान | बाघों का घर, वन्य जीवन का अद्भुत अनुभव | 50 किमी (बीजापुर से) |
1. Danteshwari Mandir
दंतेश्वरी मंदिर, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित है और यहां तक पहुंचने के लिए आपको जगदलपुर से लगभग 84 किलोमीटर की यात्रा करनी होगी। यह मंदिर छत्तीसगढ़ की सबसे पवित्र और प्राचीन धरोहरों में से एक है। यह स्थान शक्ति पीठों में से एक माना जाता है और इसे देवी दंतेश्वरी का निवास कहा जाता है यह मंदिर आदिशक्ति माँ दुर्गा को समर्पित है।
मंदिर के वास्तुशिल्प की बात करें तो यह लगभग 600 साल पुराना है, यहां की स्थानीय कहानियों के अनुसार, देवी सती के दांत इसी स्थान पर गिरे थे, जिसके कारण इसे “दंतेश्वरी” नाम दिया गया। लेकिन इसके पत्थरों पर की गई बारीक नक्काशी आज भी आपको अविस्मरणीय दिखाई पड़ेगी। यहां हर साल दशहरे के समय लाखों श्रद्धालु देवी माँ के दर्शन के लिए आते है। इस यात्रा में आपको छत्तीसगढ़ की अद्वितीय संस्कृति और धर्मिक धरोहर का अनुभव करने को मिलेगा। अगर आप छत्तीसगढ़ में घूमने की जगह ढूंढ रहे हैं, तो यह मंदिर आपकी लिस्ट में सबसे ऊपर होना चाहिए।
2. Bamleshwari Mandir
बम्लेश्वरी मंदिर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्थित है. यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है और राजनांदगांव से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर माता बम्लेश्वरी को समर्पित है, जो माँ आदिशक्ति दुर्गा का ही रूप है और यहां की यात्रा करते हुए आपको 1,600 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी होती हैं, लेकिन मंदिर तक पहुंचने के बाद जो शांति और संतोष मिलता है, वह किसी भी थकान को भूलने पर मजबूर कर देता है। मंदिर की ओर बढ़ते हुए रास्ते में आपको प्रकृति का सौंदर्य और लोगों की आस्था का मिश्रण देखने को मिलेगा।
जब मैंने इस मंदिर की यात्रा की, तो सुबह-सुबह पहाड़ियों से आती ठंडी हवा और मंदिर की दिव्य ऊर्जा ने मेरे दिल को छू लिया। यहां नवरात्रि के समय विशेष मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। अगर आप छत्तीसगढ़ में धार्मिक पर्यटन स्थलों की खोज में हैं, तो बम्लेश्वरी मंदिर एक अद्भुत स्थान है।
3. Shree Rajiv Lochan Mandir
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्री राजीव लोचन मंदिर एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। साथ ही यह मंदिर भगवान विष्णु के अलावा माँ दुर्गा भगवान शिव को भी समर्पित है. यह मंदिर अपने अद्वितीय स्थापत्य और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। मुझे इस मंदिर की यात्रा के दौरान अपने दोस्तों के साथ इसके इतिहास और स्थापत्य कला ने बहुत प्रभावित किया।
यहां की मूर्तियों और स्तंभों पर की गई नक्काशी 8वीं सदी की गुप्तकालीन कला का उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में दिखाई पड़ता है। मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही आपको एक आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है। यहां की शांति और भगवान विष्णु की मूर्ति की दिव्यता आपको तुरंत ध्यानमग्न कर देती है।
राजीव लोचन मंदिर का उल्लेख महाभारत और रामायण जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है, जो इसकी धार्मिक महत्ता को और बढ़ाता है। अगर आप छत्तीसगढ़ में घूमने की जगह तलाश रहे हैं, तो यह मंदिर आपको एक अद्भुत धार्मिक अनुभव प्रदान करेगा साथ ही यहाँ राजिम में घुमने की जगह भी है जहाँ आकर आप घूम सकते है।
4. Bhoramdev Mandir
छत्तीसगढ़ के कवर्धा से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भोरमदेव मंदिर अपनी अद्वितीय खजुराहो जैसी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है मंदिर के बारे में बहुत से कई तथ्य है जो आज भी लोगों से नही सुलझ पाए है। साथ ही इसे छत्तीसगढ़ का “खजुराहो” भी कहा जाता है। जब मैं अपने दोस्तों के साथ यहां पहुंचा, तो मुझे इस मंदिर की स्थापत्य कला ने बहुत आकर्षित किया मंदिर के दीवारों पर बनी सभी कलाकृति अद्वितीय है।
भोरमदेव मंदिर का निर्माण 7वीं से 11वीं सदी के बीच निर्मित बताया जाता है, और इसकी नक्काशी आपको तत्कालीन काल के शिल्पकला का अद्भुत अनुभव देती है जो इस समय के अनुसार बहुत ही आधुनिक दिखाई पडती है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है यह मंदिर को देखने प्रतिदिन लोग आते है और यहां की मूर्तियों और शिल्पों में उस समय की जीवनशैली, नृत्य, संगीत और प्रेम को खूबसूरती से चित्रित किया गया है।
5. Rajim
राजिम, जिसे छत्तीसगढ़ का “प्रयाग” भी कहा जाता है, एक पवित्र स्थान है जो अपने त्रिवेणी संगम के लिए प्रसिद्ध है। जब मै यहाँ अपने दोस्तों के साथ पंहुचा तो मुझे यहाँ की सुन्दरता भा गई. यह स्थान तीन नदियों – महानदी, पैरी और सोंदुर के संगम पर स्थित है। जो आपको रायपुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर देखने को मिलता है. यह स्थान छत्तीसगढ़ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का एक प्रमुख केंद्र है।
राजिम का सबसे बड़ा आकर्षण यहां होने वाला “राजिम कुंभ मेला” है, जो हर साल माघ पूर्णिमा के समय आयोजित होता है। जिसे मैंने भी अपने दोस्तों के साथ मनाया है यह मेला उत्तर भारत के प्रसिद्ध कुंभ मेलों की तरह ही होता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु स्नान करने और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए और बहुत से लोग मस्ती करने के लिए आते हैं। मुझे इस मेले के दौरान यहां की स्थानीय संस्कृति, धार्मिक गतिविधियों और श्रद्धालुओं की आस्था ने बहुत प्रभावित किया।
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6. Chitrakoot Waterfall
छत्तीसगढ़ का चित्रकूट जलप्रपात, जिसे “भारत का नियाग्रा” भी कहा जाता है, जगदलपुर से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। महानदी के जल से यह जलप्रपात 95 फीट की ऊंचाई से गिरता है, जिससे की चित्रकूट वॉटरफॉल की ऊंचाई 90 फिट है और बारिश के मौसम में इसका दृश्य अद्वितीय हो जाता है।
यहां की हरियाली और जलप्रपात के गिरते हुए पानी की ध्वनि आपको प्रकृति के करीब ले आती है जो आपके पुरे परिवार को एक अद्वितीय यादें देता है। यहां की सुंदरता और शांति ने मुझे इतना प्रभावित किया कि मैं यहां से जाना ही नहीं चाहता था। अगर आप छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक सुंदरता के स्थानों की तलाश कर रहे हैं, तो चित्रकूट जलप्रपात आपकी यात्रा में अवश्य शामिल होना चाहिए।
चित्रकूट वॉटरफॉल के आसपास के क्षेत्र में ट्रेकिंग और कैम्पिंग की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जिसे मैंने अपने दोस्तों के साथ एन्जॉय किया है. साथ ही यहाँ की स्थानीय जनजातियों की संस्कृति और उनके द्वारा बेचे जाने वाले हस्तशिल्प उत्पाद भी इस स्थान को विशेष बनाते हैं।
7. Chirmiri Hill Station
छत्तीसगढ़ का चिरमिरी हिल स्टेशन, एक बहुत ही खुबसुरत स्थल है जहाँ हरसाल लोग घुमने के लिए आते है. जिसके कारण इसे “छत्तीसगढ़ का कश्मीर” भी कहा जाता है, यह खुबसूरत स्थल आपको मनेंद्रगढ़ से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर देखने को मिलता है। यह स्थान अपने ठंडे वाले शानदार मौसम, हरे-भरे जंगलों और पर्वतीय दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
चिरमिरी की सड़कों पर चलते हुए यहां की ताजी हवा और हरे-भरे जंगल आपको ऊर्जा से भर देंगे जिसे यहाँ आकर मैंने भी अपने दोस्तों के साथ महसूस किया है। इसके अलावा, यहां की स्थानीय संस्कृति और रीति-रिवाज भी बहुत खास हैं, जो आपको छत्तीसगढ़ के बारे में और गहराई से जानने का अवसर प्रदान करते हैं। अगर आप छत्तीसगढ़ में हिल स्टेशन की तलाश कर रहे हैं, तो चिरमिरी एक आदर्श स्थान है।
साथ ही आपको चिरमिरी में कई खूबसूरत व्यू पॉइंट्स देखने को भी मिल जाते हैं, जहां से आप पूरे शहर और आसपास के पहाड़ी इलाकों का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। यहां की यात्रा करते हुए मुझे एहसास हुआ कि यह स्थान वास्तव में छत्तीसगढ़ के सबसे सुंदर और शांत स्थानों में से एक है। अगर आप chhattisgarh me ghumne ki jagah तलाश रहे हैं, तो यह स्थल आपको एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगा।
8. Kailash Cave and Kutumsar Cave
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह दोनों स्थल कैलाश और कुटुमसर गुफाएं छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक धरोहर का एक अद्भुत उदाहरण हैं। ये गुफाएं भूमिगत होने के कारण अपने अद्वितीय संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं।
कुटुमसर गुफा, सचमे एक अद्वितीय स्थल है जो विशेष रूप से, अपनी लंबाई और संरचना के लिए जानी जाती है। यह गुफा लगभग 4,500 मीटर लंबी है, और यहां जाने के लिए आपको मशालों की आवश्यकता होती है क्योंकि गुफा के भीतर कोई प्राकृतिक प्रकाश नहीं पहुंचता। गुफा के भीतर विभिन्न प्रकार के चूने के स्तंभ और प्राकृतिक संरचनाएं हैं, जो इसे एक अद्वितीय स्थान बनाती हैं।
कुटुमसर गुफा की तरह ही कैलाश गुफा भी अपने अद्वितीय चूने की संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। यह गुफा भगवान शिव को समर्पित है जो लोग आस्था से यहाँ आते है वो यहाँ आकर पूजा भी करते है और साथ में यहां के अंदरूनी हिस्सों में शिवलिंग की आकृतियां देखने को मिलती हैं। यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व का एक अद्भुत संगम है। अगर आप छत्तीसगढ़ में घूमने की जगहों की खोज कर रहे हैं, तो ये गुफाएं आपके यात्रा कार्यक्रम में जरूर शामिल होनी चाहिए।
9. Barnawapara Wildlife Sanctuary
अगर आप एक वन्यजीव प्रेमी हैं, तो छत्तीसगढ़ का बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य आपके लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होगा क्योकि मैंने भी यहाँ अपने दोस्तों के साथ यात्रा की है। यह अभयारण्य रायपुर से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अपने विविध वन्यजीवों और वनस्पतियों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ आपको विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों को देखने का अवसर मिलता, जिसमें बाघ, तेंदुआ, हाथी और कई प्रकार के पक्षी शामिल है।
बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य में ट्रेकिंग और सफारी की सुविधा भी उपलब्ध कराता है, जो इसे वन्यजीव प्रेमियों के लिए रोमांचक बनाती है। यहां की यात्रा के दौरान आपको एक जंगल सफारी और बाघों और तेंदुओं को उनकी प्राकृतिक आवास में देखने को मिलेगा जो की आपके लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा। यह अभयारण्य छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक धरोहर और वन्यजीवन के संरक्षण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
10. Indravati Nation Park
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यह उद्यान बाघों के लिए प्रसिद्ध है जिसे मुझे अपने दोस्तों के साथ घुमने का मौका मिला और यहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीव भी देखने को मिलते हैं। यह स्थल आपको बीजापुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर देखने को मिलता है जहाँ आप बड़ी आसानी से पहुच सकते है।
मैंने जब इस उद्यान की यात्रा की, तो मुझे यहां के विशाल जंगलों और यहां रहने वाले जानवरों की विविधता ने बहुत प्रभावित किया। यहां की सबसे बड़ी विशेषता इसका बाघ संरक्षण क्षेत्र है, जहां आपको बाघों को उनके प्राकृतिक आवास में देखना अपने आप में एक रोमांचक अनुभव है। इसके अलावा भी यहां आपको कई प्रकार के पक्षी, तेंदुए, हिरण और भालू भी देखने को मिलते हैं।
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में आप जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं और प्रकृति के करीब जाकर वन्यजीवों का अध्ययन कर सकते हैं। यह स्थान उन लोगों के लिए एक आदर्श है जो जंगलों और वन्यजीवों के बीच समय बिताना पसंद करते हैं। अगर आप chhattisgarh me ghumne ki jagah तलाश रहे हैं, तो यह स्थल आपको एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगा।
इसके साथ ही आपको छत्तीसगढ़ में और भी बहुत से स्थल देखने को मिल जाते है जिसे आप छत्तीसगढ़ आने के बाद पूर्ण रूप से घूम सकते है.
FAQs
छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा फेमस क्या है?
छत्तीसगढ़ अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध संस्कृति, और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के प्रमुख आकर्षणों में दंतेश्वरी मंदिर, चित्रकूट जलप्रपात, और बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। इसके अलावा, यहाँ की जनजातीय संस्कृति और त्यौहार भी इसे विशेष बनाते हैं।
छत्तीसगढ़ का क्या मशहूर है?
छत्तीसगढ़ विभिन्न प्रकार की कला, शिल्प, और स्थानीय व्यंजनों के लिए मशहूर है। यहाँ की पत्थर की नक्काशी, बुनाई, और मिट्टी के बर्तन विश्व प्रसिद्ध हैं। छत्तीसगढ़ी भोजन, जैसे चावल, फरा, और चटनी भी यहां की खासियत हैं।
छत्तीसगढ़ में कौन-कौन से तीर्थ स्थल हैं?
छत्तीसगढ़ में कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं, जैसे:
दंतेश्वरी मंदिर (जगदलपुर)
बम्लेश्वरी मंदिर (राजनांदगांव)
श्री राजीव लोचन मंदिर (रायपुर)
रामनगर (कोरबा)
राजिम (त्रिवेणी संगम)
छत्तीसगढ़ का सबसे सुंदर जिला कौन सा है?
छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला सबसे सुंदर माना जाता है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगल, झरने, और पर्वत श्रृंखलाएँ इसे एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाते हैं। बस्तर की संस्कृति और जनजातीय जीवन भी इसे और भी खास बनाते हैं।
छत्तीसगढ़ में सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल कौन से हैं?
दंतेश्वरी मंदिर, बम्लेश्वरी मंदिर, और श्री राजीव लोचन मंदिर छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।
छत्तीसगढ़ में घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
अक्टूबर से मार्च के बीच का समय छत्तीसगढ़ में यात्रा के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस दौरान मौसम सुहावना रहता है।
छत्तीसगढ़ के किस स्थान को “भारत का नियाग्रा” कहा जाता है?
चित्रकूट जलप्रपात को “भारत का नियाग्रा” कहा जाता है।