यह रही 10 प्रमुख बलौदा बाज़ार में घूमने की जगह की सूची

आज हम आपको छत्तीसगढ़ के एक प्रमुख जिले के पर्यटन स्थल के बारे में बतायेंगे जहाँ आप बलौदा बाजार की एक अद्भुत यात्रा का अनुभव करेंगे। हम इस पोस्ट के माध्यम से बलौदा बाजार के 10 प्रमुख पर्यटन स्थलों से रूबरू कराएँगे, जो ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं। यहाँ आपको सतनामी समाज के प्रमुख गुरु घासीदास जी की जन्मस्थली गिरोधपुरी धाम देखने को मिलता है, साथ ही यहाँ कबीर गुरु की समाधि दामाखेड़ा कबीर नगर एवं लव-कुश की जन्मस्थली तुरतुरिया धाम जैसे महत्वपूर्ण स्थान देखने को मिलते है।

तो चलिए, बिना देरी किये 10 प्रमुख बलौदा बाज़ार में घूमने की जगह की यात्रा की शुरुआत करते हैं।

बलौदा बाज़ार में घूमने की जगह | Baloda Bazar me Ghumne ki Jagah

चाहे आप इतिहास में रुचि रखते हों, या फिर धार्मिक स्थलों के प्रेमी हों तथा प्रकृति और वन्य जीवन का आनंद लेने वाले हों, बलौदा बाजार के ये खूबसूरत प्रमुख स्थल आपके लिए परफेक्ट जगह हैं। तो चलिए और बलौदा बाजार के इन अद्भुत स्थानों के बारे में जानते है। अगर आपको हमारा यह पोस्ट पसंद पसंद आता है, तो हमारे पेज को फॉलो करना ना भूलें। 

1. गिरौदपुरी धाम

बलौदा बाजार जिले में स्थित गिरोधपुरी, एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो सतनाम समाज के प्रमुख गुरु घासीदास जी की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध है। बलौदा बाजार से गिरोधपुरी की दुरी लगभग 40 किलोमीटर है। गुरु घासीदास यहीं पर जन्मे थे , सतनाम पंथ के संस्थापक भी है और यहीं से उन्होंने अपने धार्मिक आंदोलन की शुरुआत की थी। इस स्थान पर हर साल सतनाम समाज भारी संख्या में आकर गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर भव्य मेला आयोजित कर उत्सव मानते है। गिरोधपुरी का वातावरण एकदम शांति से भरा और पवित्र है, जो लोगों को आध्यात्मिक अनुभव भरता है।

2. तुरतुरिया धाम

छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में स्थित तुरतुरिया धाम एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह स्थान लव-कुश की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है और तुरतुरिया धाम में ही महर्षि वाल्मीकि का आश्रम भी है। इस धाम की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्वता काफी है। जो बलौदा बाजार से लगभग 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, तुरतुरिया धाम का वातावरण बहुत ही शांत और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहाँ हर साल रामनवमी और वाल्मीकि जयंती के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। 

3. दामाखेड़ा कबीर नगर

यह स्थान बलौदा बाजार से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, बलौदा बाजार जिले में स्थित दामाखेड़ा कबीर नगर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इस स्थान का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। कबीर गुरु की समाधि स्थली के रूप में भी यह स्थल जाना जाता है और यहाँ कबीर जयंती के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और भव्य मेले का आयोजन होता है, कबीर पंथ के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु शामिल होते हैं। 

4. बार नवापारा वन्य जीव अभ्यारण्य

छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में स्थित बार नवापारा वन्य जीव अभ्यारण्य एक प्रमुख वन्य जीव अभ्यारण्य है। यह अभ्यारण्य वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के रूप में भी जाना जाता है और वन्य जीव प्रेमियों के लिए एक अद्वितीय स्थल भी है। यह स्थल तुरतुरिया के पास लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस अभ्यारण्य में जंगल सफारी का आनंद लिया जा सकता है, यहाँ पर बाघ, तेंदुआ, हाथी, चीतल, सांभर, और कई अन्य प्रकार के वन्य जीव पाए जाते हैं। जो पर्यटकों को वन्य जीवों के करीब लेकर जाती है।

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5. सोन बरसा नेचर सफारी

बलौदा बाजार जिले का एक नवीनतम टूरिस्ट प्लेस है। सोन बरसा नेचर सफारी बलौदा बाजार से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यहाँ पर विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जीव-जंतुओं का घर है और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। सोन बरसा नेचर सफारी में नेचर ट्रेल्स और बर्ड वाचिंग का आनंद लिया जा सकता है। जो इस स्थान को अद्वितीय बनाता हैं। यहाँ का वातावरण बहुत ही शांत और सुकूनदायक होता है।

6. मावली माता मंदिर

छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के सिंगारपुर में स्थित मावली माता मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ नवरात्रि के समय विशेष रूप से श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। यह मंदिर बलौदा बाजार से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहाँ पर देवी मावली माता की भव्य प्रतिमा स्थापित है और मंदिर की वास्तुकला बहुत ही सुंदर और आकर्षक है। और यह मंदिर देवी मावली माता को समर्पित है, जो शक्ति की देवी मानी जाती हैं। मावली माता मंदिर के प्रांगण में एक बड़ा सा तालाब भी है, जो इस स्थान की सुंदरता को और बढ़ा देता है।

7. सिद्धखोल जलप्रपात

यह जलप्रपात बलौदा बाजार से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बलौदा बाजार जिले में स्थित सिद्धखोल जलप्रपात एक प्रमुख प्राकृतिक आकर्षण है। यह जलप्रपात अपने ऊंचाई और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहाँ आने वाले पर्यटक पिकनिक मनाने और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आते हैं।

 यहाँ का वातावरण शांत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, मानसून के दौरान यहाँ का दृश्य अत्यंत मनोरम होता है, जब जलप्रपात पूर्ण वेग से बहता है। 

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8. शिव मंदिर, नारायणपुर

छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में स्थित शिव मंदिर, नारायणपुर एक प्राचीन धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारक का दर्जा प्राप्त है। यह मंदिर कसडोल के पास स्थित है यहाँ की वास्तुकला और मूर्तिशिल्प बहुत ही अद्वितीय और आकर्षक हैं। और बलौदा बाजार से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिवरात्रि और सावन के महीने में यहाँ विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु शामिल होते हैं।

9. सिद्धेश्वर मंदिर, पलारी

छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के पलारी में स्थित सिद्धेश्वर मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। शिवरात्रि और सावन के महीने में यहाँ विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है, यह मंदिर बलौदा बाजार से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ की वास्तुकला और मूर्तिशिल्प अत्यंत सुंदर और आकर्षक हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और छत्तीसगढ़ राज्य के संरक्षित स्मारक का दर्जा प्राप्त है। जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु शामिल होते हैं। यहाँ का वातावरण बहुत ही शांत और धार्मिक है।

10. शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक

यह स्मारक बलौदा बाजार से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में स्थित शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। उनके शहीद होने के बाद यह स्मारक उनकी याद में बनवाया गया है। यहाँ पर हर साल विशेष समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें उनके बलिदान को श्रद्धांजलि दी जाती है। छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया था। वीर नारायण सिंह, यहाँ का वातावरण अत्यंत प्रेरणादायक और देशभक्ति से भरपूर है।

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बलोदा बाज़ार कैसे पहुचें?

यहाँ पहुचने के लिए मैंने नीचे आपको कुछ यात्रा के विकल्प सुझाये है जिसकी मदद से आप वहां बड़ी आसानी से पहुंच कर अपने पूरे परिवार के साथ जगह घूम सकते हैं। साथ ही आप यहाँ मंदिर दर्शन और पिकनिक का आनंद उठा सकते हैं।

सड़क मार्ग द्वारा – सड़क मार्ग की सहायता से बड़ी आसानी से  Baloda bazar me ghumne ki jagah तक पहुचकर यहाँ के नज़ारे का आनंद उठा सकते हैं आप अपने बाइक कर या बस से यहां पहुंचकर बलोदा बाज़ार घूम सकते है। 

रेल मार्ग – रेल मार्ग की सहायता से भी बलोदा बाज़ार पहुंचकर यहाँ मंदिर दर्शन और पिकनिक का आनंद उठा सकते हैं यहां पहुंचने के लिए आपको बहुत से रेल मार्ग मिल जाएंगे जिससे आप यहां पहुंच सकते हैं। 

मैं आपको यह दोनों ही यात्रा की सुझाव दूंगा जिससे की आप बड़ी आसानी से यहाँ पहुच सकते है चाहे तो आप हवाई जहाँज की भी सहायता से यहाँ पहुच सकते है लेकिन मैंने इसे एक सामान्य आदमी के हिसाब से बताया है जिससे यहाँ कोई भी पहुच सकता है।

निष्कर्ष

मैं आपको यह ही कहना चाहूँगा की यदि आप बलोदा बाज़ार जिले के निवासी है या इसके पास रहते है तो आपको इस जगह एक बार इस जगह में पर्यटन स्थल में घुमने जरुर आना चाहिए आप यहाँ अपने पुरे परिवार तथा दोस्तों के साथ आ सकते है यहाँ आपको पर्यटन स्थल एक सुंदर नज़ारा प्रस्तुत करता है जो आपको शांति का अनुभव प्रदान करता है।मुझे आशा है की यह ब्लॉग पोस्ट आपको पसंद आई होगी और आप इस पोस्ट को पढ़कर Baloda bazar me ghumne ki jagah के बारे में जान पाए होंगे यदि हाँ तो हमे कमेंट में अपना अनुभव shere करना न भूलें।

My name is Vijay Nirmalkar, and I love to travel and write about the beautiful places and culture of Chhattisgarh. I enjoy helping others discover the wonders of this state through simple and easy-to-understand stories. My goal is to make learning about and exploring Chhattisgarh fun for everyone.

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