अंगार मोती माता मंदिर दर्शन ( समय, कैसे पहुचे? )

दोस्तों, आज हम धमतरी के प्रसिद्ध अंगार मोती माता मंदिर के बारे में विस्तार से जानेंगे की अंगार मोती माता मंदिर का निर्माण कैसे हुआ? अंगार मोती माता किसकी पुत्री है? और अंगार मोती माता मंदिर धमतरी में कहाँ स्थित है? जिसे जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें। ताकि आप माँ अंगारमोती के बारे में अच्छे से जान सके और वहां आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ जा सके।

चलिए जानते है angar moti mata mandir dhamtari के बारे में जो पुरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है और यहाँ देश विदेश से लाखों भक्त आते है।

Angar Moti Mata Mandir | अंगार मोती माता मंदिर धमतरी

छत्तीसगढ़ ही नही बल्कि पुरे देश विदेश में विख्यात माँ अंगार मोती मंदिर धमतरी जिले में स्थित है जो जिले से महज 13 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है तथा राजधानी रायपुर से 93 किलोमीटर। यह मंदिर यहाँ के स्थानीय निवासियों के लिए एक आश्था का केंद्र है यहाँ प्रतिदिन सैकड़ो भक्त माँ देवी अंगार मोती के दर्शन के लिए आते है।

अंगार मोती मंदिर यहाँ के 52 गांवों की अधिष्ठात्री है स्थानीय लोग मानते है की माँ अंगार देवी हमारी रक्षक है। जिसके पीछे एक कहानी अत्यधिक प्रचलित है। जिसमे जब यह सभी गाँव पानी में डूब रहे थे तो माँ अंगार मोती ने गाँव की रक्षा की थी जिसके फलस्वरूप सभी गांवों ने माँ अंगार मोती को अपना ईष्ट देवी मानकर देवी का मंदिर गंगरेल बांध के किनारे निर्मित कराया है।

माँ अंगार मोती के बारे में कहाँ जाता है की माँ देवी ऋषि अंगीरा की पुत्री थी जो पहले सिहावा के पास गठुला में रहते थे। लोगों ने माँ देवी को गंगरेल बांध के पास प्रतिष्ठित किया है जिसमे माँ angar moti mata mandir खुले स्थान में बना है। माता का मंदिर पूर्ण न होने का कारन है यहाँ के पुजारी बताते है की माँ उनके स्वप्न में आकर मंदिर को ऐसे ही खुला रखने को बोलती है जिसके कारन इस मंदिर को ऐसे ही खुला रखा गया है।

यहाँ हर साल दीपावली के बाद मेला लगता है जिसमे दूर दूर से लोग आते है यहाँ की मान्यता है की निसंतान दम्पति यदि यहाँ आकर पेट के बल लेट जाये और उसपर पुजारी चले तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। जिसके कारन यहाँ भारी संख्या में भक्तो का ताता देखने को मिलता है।

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अब चलिए कुछ प्रश्नों का जवाब दिया जाये जो लोग अक्सर पूछते है।

अंगारमोती मंदिर कहाँ स्थित है?

अंगार मोती माता मंदिर धमतरी जिले के गंगरेल बांध के किनारे स्थित है जो जिले से महज 13 की दुरी पर है। जहाँ आप बड़ी आसानी से किसी भी यात्रा के साधन द्वारा पहुच सकते है।

अंगार मोती माता किसकी पुत्री है?

धमतरी जिले में प्रतिष्ठित अंगार मोती माता ऋषि अंगीरा की पुत्री है जो पहले सिहावा के पास गठुला में रहते थे। जो वर्तमान में गंगरेल बांध के किनारे विराजमान है।  

अंगार मोती माता मंदिर की स्थापना कैसे हुई?

स्थानीय लोगों द्वारा बताया जाता है की 52 गाँव जब पानी में डूब रहे थे तो सभी लोगों ने माँ अंगार मोती देवी से प्रार्थना की जिससे उनका गाँव बाढ़ से बच गया जिसके फलस्वरूप सभी गांवों ने माँ अंगार मोती को अपना ईष्ट देवी मानते हुई गंगरेल बांध के किनारे माँ देवी की प्राण प्रतिष्ठा कर मंदिर का निर्माण किया।

अंगार मोती माता मंदिर धमतरी कैसे पहुचे?

धमतरी जिले में प्रतिष्ठित माँ अंगार मोती मंदिर जिले से महज 13 किलोमीटर दूर है जिससे की आप यहाँ पहुचने के लिए बहुत से मार्ग है जिसकी सहायता से आप यहाँ पहुच सकते है। आप बस कार या बाइक के द्वारा यहाँ पहुचकर देवी अंगार मोती के दर्शन कर सकते है। आप यहाँ आपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ भी आ सकते है।

निष्कर्ष

यदि आप धमतरी जिले के निवासी है या छत्तीसगढ़ के तो आपको माँ अंगार मोती के दर्शन करने के लिए अपने पुरे परिवार के साथ जाना चाहिए। बताया जाता है की यह मंदिर एक चमत्कारी मंदिर है जिसमे माँ देवी स्वयं पुजारी के सपने में आकर अपना मंदिर को खुला रखने की आदेश देती है जिससे सभी भक्त बिना किसी कष्ट के दर्शन कर सके। और यहाँ निसंतान दम्पत्ति को माँ देवी सन्तान का सुख भी प्रदान करती है। माँ angar moti mata mandir जाने के बाद वहां अपनी इक्षा प्रकट करें ताकि माँ उसे पूर्ण कर सके।

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My name is Vijay Nirmalkar, and I love to travel and write about the beautiful places and culture of Chhattisgarh. I enjoy helping others discover the wonders of this state through simple and easy-to-understand stories. My goal is to make learning about and exploring Chhattisgarh fun for everyone.

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